The question of whether there is anything inherently right or wrong is one that has puzzled philosophers, theologians, and thinkers throughout history. It raises fundamental inquiries about morality, ethics, and the nature of human behavior. The Complexity of Morality Morality is often seen as a set of rules or guidelines that dictate what is considered acceptable or unacceptable behavior within a society. However, these rules can vary dramatically across cultures, communities, and even indivi... Read more
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भगवद गीता में श्रीकृष्ण ने हमें सिखाया है कि इंसान का कर्तव्य अपने कर्म का पालन करना है, न कि पांच विकारों के जाल में फंसकर अपने जीवन को व्यर्थ करना। ये पाँच विकार – काम, क्रोध, लोभ, मोह, और अहंकार – मानव मन को भटकाते हैं और उसे उसके असली कर्तव्य से दूर ले जाते हैं। गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है: "कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥"(भगवद गीता 2.47) इसका अर्थ है कि इंसान का अधिकार केवल कर्म पर है, न कि उसके फल पर। जब हम अपने कर्तव्य का... Read more
धोखे से हासिल की गई चीजों में गर्व नहीं होता, और ईमान बेचकर जो पाया जाता है, वो अंततः भारी पड़ता है। जैसे भगवद गीता में कहा गया है, "कर्म का फल सदा मिलता है, और अधर्म से अर्जित किए धन से सुख नहीं मिलता।" जिस चीज को पाने के लिए इंसान ने ईमान और सच्चाई की बलि दी हो, वो चीज कभी भी दिल को सुकून नहीं दे सकती। वो बस एक अस्थायी छलावा है, जो मन को भटकाता है और आत्मा को शांति से वंचित कर देता है। गहरी बात यह है कि हम जैसे-जैसे धोखे से चीजें पाते जाते हैं, हमारी आत्मा पर एक काला पर्दा सा पड़ता जाता है। ग... Read more
Before starting the engine, there are some critical points that are deal breakers. Check under the car for corrosion, check the for roughness on door hood and trunk lid edges for roughness this tells if if the car has body repairs or fully painted. Check the exhaust tip for sticky burned oil. Open the trunk, lift the spare tire, look for corrosion or traces of mud or water marks: if yes the car was underwater. Also look for a jack and wheel tire. With the engine cold, Check the coolant r... Read more